पोरवोरिम वेलफेयर फाउंडेशन का इको-फ्रेंडली थीम ‘नेचर्स बेल्सिंग्स’ पर गणेश चतुर्थी उत्सव के आयोजन पर ज़ोर / प्रतियोगिता और पुरस्कार से कर रहें है पोरवोरिम निवासियों का प्रोत्साहन

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

पणजी : त्यौहार का मौसम आ चुका है और पोरवोरिम वेलफेयर फाउंडेशन पोरवोरिम वासिओं को इको – फ्रेंडली गणेश चतुर्थी मनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए वो कई तरह की प्रतियोगताओं का आयोजन भी करेंगी।
“त्योहारी सीज़न में, सुनिश्चित करें कि आपकी गणेश चतुर्थी पूरी तरह से शून्य-प्लास्टिक का उपयोग करके मनाई जाए! गणेश चतुर्थी उन भारतीय त्योहारों में से एक है जो समुदाय और उत्सव पर आधारित है, लेकिन इसका मतलब यह हो सकता है कि अगर हम इसे ध्यानपूर्वक नहीं मनाते हैं तो यह हमारे पर्यावरण के लिए सबसे बड़े प्रदूषकों में से एक हो सकता है। “- कहना है विकास प्रभुदेसाई , फाउंडर मेंबर , पोरवोरिम वेलफेयर फाउंडेशन का। उन्होंने आगे कहा कि ‘पोरवोरिम एक सुन्दर गांव था , अब सेमी अर्बन डेवलपमेंट चल रहा है। हमलोगों को पोर्वोरकर्स के लिए कुछ करना चाहिए। हम सभी एक परिवार है और गणपति के नाम पर इकट्ठा होते है। ‘
नेक्स्ट जनरेशन के लिए ज़रूरी है कि , इको- फ्रेंडली डेकोर कम्पटीशन, मतोली आदि की जा रही है। ” पोरवोरिम में तीन पंचायत है – सोकूर ,पेन्हा दा फ़्रैंका और साल्वाडोर डो मुंडो। हम तीनो जगह प्रतियोगिता कराएंगे और तीनो पंचायतों के लिए एक एक सेट का परुस्कार निर्धारित किया गया है। प्रथम पुरूस्कार 30 हज़ार रुपये , द्वितीय 20 हज़ार और तृतये 10 हज़ार रुपए और ट्रॉफी होंगे ‘- महेश महामरे, फाउंडर मेंबर , पोरवोरिम वेलफेयर फाउंडेशन ने बताया।

पणजी में प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए यह भी जानकारी दी गयी कि सभी पोरवोरिम के निवासी जो इस प्रतियोगिता में भाग लेना चाहते है उन्हे अपना नाम पोस्टर में दिए गए मोबाइल नंबर पर  अपनी एंट्री 10 सितम्बर , 2023 तक रजिस्टर करानी होगी। डेढ़ दिन, तीन दी और पांच दिन गणेश चतुर्थी का आयोजन करने वालों को तीन जज की टीम विजेताओं का चुनाव करेगी। दस प्रतिभागियों को 2000 रुपए का सांत्वना पुरूस्कार भी है और पांच प्रतिभागियों को गिफ्ट वाउचर भी दिए जाएंगे।
पोरवोरिम वेलफेयर फाउंडेशन पोरवोरिम के निवासियों के लिए लगातार काम कर रही है। और इस बार गणेश चतुर्थी में अवसर पर लोगों को युवा पीढ़ी के छिपे हुनर को सामने लाने के लिए ‘ इको फ्रेंडली थीम’ पर पूजा को प्रोत्साहित कर रही है
गणेश विसर्जन से जल निकायों में बड़ी मात्रा में प्रदूषण होता है और सजावट से उत्पन्न सारा कचरा लैंडफिल और जल निकायों में प्लास्टिक की मात्रा भी बढ़ाता है। अब देश भर में, लोग पर्यावरण अनुकूल गणेश मूर्तियों और पर्यावरण अनुकूल उत्सव के महत्व को पहचान रहे हैं और विभिन्न निकाय उन्हे प्रोत्साहित करने के लिए सामने आ रहें है

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